वो मुझसे पूछती है की ख्वाब किस-किस के देखते हो,
बेखबर जानती ही नहीं की यादें उसकी सोने कहाँ देती है..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो मुझसे पूछती है की ख्वाब किस-किस के देखते हो,
बेखबर जानती ही नहीं की यादें उसकी सोने कहाँ देती है..