ये गुलाबी ठंड, ये हसीन सुबह और उस पर तौबा तुम्हारी इतनी याद, सुनो..
कभी तो तुम भी यूँही हमसे मिलने चले आओ
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ये गुलाबी ठंड, ये हसीन सुबह और उस पर तौबा तुम्हारी इतनी याद, सुनो..
कभी तो तुम भी यूँही हमसे मिलने चले आओ