न जाने किस हुनर को शायरी कहते होगेँ लोग…!
हम तो वो लिख़ रहे हैँ, जो किसी से कह नहीं पाते…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
न जाने किस हुनर को शायरी कहते होगेँ लोग…!
हम तो वो लिख़ रहे हैँ, जो किसी से कह नहीं पाते…