डरते है कही तुम भुला न दो
नज़र से अशक की तरह बहा न दो
इक बार निग़ाहे उठा कर देख तो लो
मेरी मुहब्बत का चाहे सिला न दो।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
डरते है कही तुम भुला न दो
नज़र से अशक की तरह बहा न दो
इक बार निग़ाहे उठा कर देख तो लो
मेरी मुहब्बत का चाहे सिला न दो।