ज़िन्दगी वक़्त के साथ

ज़िन्दगी वक़्त के
साथ बदलती चली
जा रही है,
बचपन की शामें लंबी
हुआ करती थी
अब की शाम
दावे पाँव अँधेरे
के साथ आकर
निकल जाती है..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *