by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - September 2, 2016 उसे खिलौनों से उसे खिलौनों से बढ़ कर है फ़िक्र रोटी की हमारे दौर का बच्चा जनम से बूढ़ा है|