by pyarishayri - Quotes, Shayari, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - April 28, 2017 शाख़ पर रह कर शाख़ पर रह कर कहाँ मुमकिन था मेरा ये सफ़र, अब हवा ने अपने हाथों में सँभाला है मुझे…