झुठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते हैं,
तरक्की के बाज़ की उडान में कभी आवाज़ नहीं होती।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
झुठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते हैं,
तरक्की के बाज़ की उडान में कभी आवाज़ नहीं होती।