by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यारी शायरी, वक्त-शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - October 9, 2016 एक जैसी ही एक जैसी ही दिखती थी.. माचिस की वो तीलियाँ.. कुछ ने दिये जलाये.. और कुछ ने घर..!