शाम होते ही चिरागों को बुझा देता हूँ मैं…
ये दिल ही काफ़ी है तेरी याद में जल जाने के लिए…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
शाम होते ही चिरागों को बुझा देता हूँ मैं…
ये दिल ही काफ़ी है तेरी याद में जल जाने के लिए…