मिट्टी के घरों में लोग मेरी ख़िदमत में खड़े थे..
औकात में तो थे छोटे.. मगर इंसानियत में बड़े थे..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मिट्टी के घरों में लोग मेरी ख़िदमत में खड़े थे..
औकात में तो थे छोटे.. मगर इंसानियत में बड़े थे..