by pyarishayri - Heart Touching Shayri, Hindi Shayri, Sad Bewafa Shayri, Sad Shayri, Urdu Shayri, मौसम शायरी, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - November 25, 2016 बेगुनाह होकर भी बेगुनाह होकर भी गुनाह कबूल कर लेता हूँ… इल्जाम उन्होने लगाया है गलत कैसे कहूँ…!!