by pyarishayri - Hindi Shayri, Sad Bewafa Shayri, Sad Shayri, Shayri-E-Ishq, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, Zindagi Shayri, लव शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - July 13, 2016 तर न हो..! आता है जज्बे-दिल को वह अन्दाजे-मैकशी.. रिन्दों में रिन्द भी रहें, दामन भी तर न हो..!