गुनहगारों की आँखों में झूठे ग़ुरूर होते हैं,
यहाँ शर्मिन्दा तो सिर्फ़ बेक़सूर होते हैं……
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
गुनहगारों की आँखों में झूठे ग़ुरूर होते हैं,
यहाँ शर्मिन्दा तो सिर्फ़ बेक़सूर होते हैं……