क्या हसीन इत्तेफाक़ था तेरी गली में आने का.,
किसी काम से आये थे, किसी काम के ना रहे..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
क्या हसीन इत्तेफाक़ था तेरी गली में आने का.,
किसी काम से आये थे, किसी काम के ना रहे..