मौत की राह न देखूं कि बिन आये न रहे,
तुमको चाहूं न आओ तो बुलाये न बने।
इश्क पे जोर नहीं, है ये वो आतिश ‘गालिब’,
कि लगाये न लगे और बुझाये न बने..!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मौत की राह न देखूं कि बिन आये न रहे,
तुमको चाहूं न आओ तो बुलाये न बने।
इश्क पे जोर नहीं, है ये वो आतिश ‘गालिब’,
कि लगाये न लगे और बुझाये न बने..!