वो उसके हाथों से लिखे ख़त और
पुरानी तस्वीरों के दिन ही सही थे
इंतज़ार और ऐतबार क़ाबू में तो थे।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो उसके हाथों से लिखे ख़त और
पुरानी तस्वीरों के दिन ही सही थे
इंतज़ार और ऐतबार क़ाबू में तो थे।