by pyarishayri - पारिवारिक शायरी, प्यार शायरी, प्रेणास्पद शायरी, प्रेरणास्पद कविता, प्रेरणास्पद कहानी - November 25, 2015 माँ-बाप का घर बिका तो बेटी माँ-बाप का घर बिका तो बेटी का घर बसा, कितनी नामुराद है ये रस्म दहेज़ भी !!