by pyarishayri - जिंदगी शायरी, प्रेणास्पद शायरी, हिंदी शायरी - June 29, 2015 मुठ्ठी बंद किये बैठा हूँ मुठ्ठी बंद किये बैठा हूँ, कोई देख न ले चाँद पकड़ने घर से निकलूँ , जुगनू हाथ लगे