by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, गज़ल, गुस्ताखियां शायरी, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, प्यारी शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - November 25, 2016 फितरत किसी की फितरत किसी की यूँ ना आजमाया करिए साहब… के हर शख्स अपनी हद में लाजवाब होता है…