by pyarishayri - गरीबी शायरी, प्रेणास्पद शायरी, हिंदी शायरी - July 17, 2015 जनाज़ा इसीलिए भारी था जनाज़ा इसीलिए भारी था उस गरीब का…!! क्योकि वह सारे अरमान साथ लेकर चला गया…!!