by pyarishayri - Quotes, Shayari, WhatsApp Status, Zindagi Shayri, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, हिंदी शायरी - April 14, 2017 शिद्दत ए ग़म शिद्दत ए ग़म से शर्मिंदा नहीं वफ़ा मेरी रिश्ते जिनसे गहरे हो,जख्म भी गहरे मिलते है |