मैं उस किताब का पहला पन्ना हूं
जिसके होने या नहीं होने से किसी को कोई
फर्क नहीं पड़ता |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मैं उस किताब का पहला पन्ना हूं
जिसके होने या नहीं होने से किसी को कोई
फर्क नहीं पड़ता |