न रंग हैं न बौछार है…फिर वही इंतजा़र है….
फिर बैठे हैं रंग लिए दिल में..
फिर वही दर्द बेशुमार है….!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
न रंग हैं न बौछार है…फिर वही इंतजा़र है….
फिर बैठे हैं रंग लिए दिल में..
फिर वही दर्द बेशुमार है….!!