वो कुछ चुप सा रहता है ..थोड़ा मशरुफ सा रहता है..पुरानी फितरत है ‘शेखर’ वो अब भी थोड़ा दुर सा रहता है..।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो कुछ चुप सा रहता है ..थोड़ा मशरुफ सा रहता है..पुरानी फितरत है ‘शेखर’ वो अब भी थोड़ा दुर सा रहता है..।