कोई रस्ता है न मंज़िल न तो घर है कोई,आप कहिएगा सफ़र ये भी सफ़र है कोई…
‘पास-बुक’ पर तो नज़र है कि कहाँ रक्खी है,प्यार के ख़त का पता है न ख़बर है कोई..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कोई रस्ता है न मंज़िल न तो घर है कोई,आप कहिएगा सफ़र ये भी सफ़र है कोई…
‘पास-बुक’ पर तो नज़र है कि कहाँ रक्खी है,प्यार के ख़त का पता है न ख़बर है कोई..