आज पगली बरसों बाद मिली तो गले लगकर खूब रोई..
जानते हो ये वही थी जिसने कहा था तेरे जैसे हजारों मिलेंगे |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आज पगली बरसों बाद मिली तो गले लगकर खूब रोई..
जानते हो ये वही थी जिसने कहा था तेरे जैसे हजारों मिलेंगे |