सोचा था की अच्छा है न गिला पहुंचे, न मलाल पहुंचे,
बिछडे तो ये आलम है न दुआ पहुंचे,न सलाम पहुंचे…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सोचा था की अच्छा है न गिला पहुंचे, न मलाल पहुंचे,
बिछडे तो ये आलम है न दुआ पहुंचे,न सलाम पहुंचे…!!