हंसकर सह जाते हैं हालात के दर्दों-सितम,
हम जैसे मुफलिस सियासत की महेर बानी पर नहीं टिक ते..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हंसकर सह जाते हैं हालात के दर्दों-सितम,
हम जैसे मुफलिस सियासत की महेर बानी पर नहीं टिक ते..