साहिल पर खड़े-खड़े हमने शाम कर दी,
अपना दिल और दुनिया आप के नाम कर दी,
ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी,
बिना सोचे-समझे हर
ख़ुशी आपके नाम कर दी।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
साहिल पर खड़े-खड़े हमने शाम कर दी,
अपना दिल और दुनिया आप के नाम कर दी,
ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी,
बिना सोचे-समझे हर
ख़ुशी आपके नाम कर दी।