जब रुला लेते हैं

जब रुला लेते हैं जी भर के हमें…
जब सता लेते हैं जी भर के हमें…
तब कहीं खुश वो ज़रा होते हैं….

और क्या एहद-ए-वफ़ा होते हैं….

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