उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद
हुए ;
कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ
सही सलामत थे.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद
हुए ;
कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ
सही सलामत थे.