by pyarishayri - Sad Shayri, Urdu Shayri, Whatsapp Shayri, गुस्ताखियां शायरी, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी - December 9, 2015 लौटा देती ज़िन्दगी लौटा देती ज़िन्दगी एक दिन नाराज़ होकर ,,,, काश मेरा बचपन भी कोई अवार्ड होता।