लकीरे है तो रहने दो
किसी ने रूठ कर गुस्से में शायद खीच दी थी,
इन्ही को अब बनायो पाला और आयो कबड़ी खेलते है,
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दो लफ्ज उनकी तारीफ मे क्या बोल दिए
मौसम ने भी आज अपना मिजाज ही बदल लिया
वो जवाब मांगते हैं कि हमें भूल तो नही जाओगे…?
जवाब मैं क्या दूँ , जब सवाल ही पैदा नहीं होता..
सुनो ये तमाम चेहरे तुम्हे गुमराह कर देंगें
तुम बस मेरे दिल में रहो ये दिल है तुम्हारा