मेरी मोहब्बत में

मेरी मोहब्बत में न थी वो आग जो तुझे जला सके,
और तेरी मोहब्बत में मैं इतना जला की लोग मेरी राख भी ना उठा सके।।

मैं तुझसे अब

मैं तुझसे अब कुछ नहीं मांगता ऐ ख़ुदा,
तेरी देकर छीन लेने की आदत मुझे मंज़ूर नहीं।।

इश्क़ का कैदी

इश्क़ का कैदी बनने का अलग ही मज़ा है,
छुटने को दिल नहीं करता और उलझने में मज़ा आता है।।

होती है मुझ पर

होती है मुझ पर रोज़ तेरी
रहमतों के रंगों की बारिश…
मैं कैसे कह दूँ…?
होली साल में एक बार आती है…?