बच्चों की हथेली

बस्ता बचपन और कागज़ छीन कर
तुमने बच्चों की हथेली बेच दी
गाँव में दिखने लगा बाज़ारपन
प्यार सी वो गुड़ की भेली बेच दी

जो दिल के दर्द

जो दिल के दर्द को भुलाने को दारु पीता है, वो चखना नहीं खाता

चखना तो कमीने दीलासा देने वाले साफ कर जाते है|