सभी कर्मो का फल

सुना है सभी कर्मो का फल इस जनम में ही मिलता है….

तो फिर तेरी महोब्बत के लिए अगले जनम का इंतजार क्यों |

दर्द अब इतना की

दर्द अब इतना की संभलता नही है
तेरा दिल मेरे दिल से मिलता नही है
अब और किस तरह पुकारूँ मैं तुम्हे
तेरा दिल तो मेरे दिल की सुनता भी नही है |

चादर की तरह

एक रूह है..
जैसे जाग रही है.. एक उम्र से… ।
एक जिस्म है..
सो जाता है बिस्तर पर.. चादर की तरह… ।।

सब कुछ है

कई रिश्तों को परखा तो नतीजा एक ही
निकला,
जरूरत ही सब कुछ है, महोब्बत कुछ नहीं
होती……..॥