कभी मिल सको तो

कभी मिल सको तो इन पंछियो की तरह बेवजह मिलना ए दोस्त

वजह से मिलने वाले तो न जाने हर रोज़ कितने मिलते है !!

तू खुदा नहीं

तेरा ज़िक्र..तेरी फिक्र ..तेरा एहसास…तेरा ख्याल..!!!

तू खुदा नहीं ….फिर हर जगह मौज़ूद क्यूँ है…!!

वो शहंशाह है

वो शहंशाह है, मगर फकीरी मिजाज़ रखता है!
काशा हाथ में लेकर, ठोकर पे ताज रखता है!

उर्स-ए-गरीब नवाज़ मुबारक हो!