जीने के लिए तो एक पल ही काफी है,
बशर्ते आपने उसे किस तरह जिया
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
जीने के लिए तो एक पल ही काफी है,
बशर्ते आपने उसे किस तरह जिया
उसे किस्मत समझ कर सीने से लगाया था,
भूल गए थे के किस्मत बदलते देर नहीं लगती..
कभी तो हद
से बढ़ा करो…..
कभी तो खुद को
मेरी शायरी में पढा करो!!
उम्र छोटी है तो क्या..जीवन का हरेक मंजर देखा हैं..!
फरेबी मुस्कुराहटें देखी है..बगल मे छुपा खंजर देखा हैं…
गरज बरस प्यासी धरती पर फिर पानी दे मौला
चिड़ियों को दाना , बच्चो को गुड़धानी दे मौला….
दो और दो का जोड़ हमेशा चार कहाँ होता है
सोच समझ वालो को थोड़ी नादानी दे मौला…..
फिर मूरत से बहार आकार चरों और बिखर जा
फिर मंदिर को कोई मीरा दीवानी दे मौला…
तेरे होते कोई किसी की जान का दुश्मन क्यों हो
जीनेवालों को मरने की आसानी दे मौला …..
दूर रहा करो यारो मुझसे टुटा हुआ हु चुभ भी सकता हू!!
कभी हो मुखातिब तो कहूँ क्या मर्ज़ है मेरा,
अब तुम दूर से पूछोगे तो ख़ैरियत ही कहेंगे।
हमारे दिल की हालत गेसु-ए-महबूब जाने है
परेशाँ की परेशानी परेशाँ ख़ूब जाने है !
हर वक्त मशगूल रहना,
धोखा है जिंदगी का कभी
तन्हां भी बसर करो,
आईने साफ दिखेंगे.!
तेरे चले जाने से, मुझे ग़ज़लो का हुनर आया,
लिखा पहले भी बहुत,पर असर अब आया..!!
आज तन्हा हुए तो एहसास हुआ
कई घंटे होते हैं एक दिन में ……..