लो आज हम तुमसे

लो आज हम तुमसे निकाह-ए-इश्क करते हैं ……

हाँ मुझे तुमसे “मोहब्बत है , मोहब्बत है , मोहब्बत है”……..

मुझे

मुझे
कहना है अभी
वह

शब्द
जिसे कहकर
निःशब्द को जाऊँ
मुझे
देना है अभी
वह सब
जिसे देकर
निःशेष हो

जाऊँ
मुझे
रहना है अभी
इस तरह
कि मैं रहूँ
लेकिन
‘मैं’ रह न जाऊँ I