आग लगी थी

आग लगी थी मेरे घर को,
किसी सच्चे दोस्त ने पूछा..!
क्या बचा है ?
मैने कहा मैं बच गया हूँ..!
उसने हँस कर कहा फिर साले जला ही क्या है..

ए दुश्मनो उठाओ हाथ

ना तबीबों की तलब है न दुआ मांगी

है नी मैं जां हु बस तेरे दामन की हवा मांगी है ए दुश्मनो उठाओ हाथ मांगो जिन्दगी मेरी।

क्यों की दोस्तों ने मेरे मरने की दुआ मांगी है

कितने कमज़ोर है

कितने कमज़ोर है यह गुब्बारे, चंद सासों में फूल जाते है,
बस ज़रा सी बुलंदिया पाकर, अपनी औकात भूल जाते है…

स्वर्ग में सब कुछ है

स्वर्ग में सब कुछ है लेकिन मौत नहीं है,
गीता में सब कुछ है लेकिन झूठ नहीं है,
दुनिया में सब कुछ है लेकिन किसी को सुकून नहीं है,
और
आज के इंसान मे सब कुछ है लेकिन सब्र नहीं…………..,किसी ने क्या खूब कहा ‪‎ना खुशी खरीद पाता हू ना ही गम बेच पाता हू फिर भी मै ना जाने क्यू हर रोज कमाने जाता हू‬ …

एक रूपया एक लाख नहीं होता

एक रूपया एक लाख नहीं होता ,

मगर फिर भी एक रूपया एक लाख से निकल जाये तो वो लाख भी लाख नहीं रहता

हम आपके लाखों दोस्तों में बस वही एक रूपया हैं …

संभाल के रखनT , बाकी सब मोह माया है

लकीरें भी बड़ी अजीब होती हैं

लकीरें भी बड़ी अजीब होती हैं——
माथे पर खिंच जाएँ तो किस्मत बना देती हैं

जमीन पर खिंच जाएँ तो सरहदें बना देती हैं

खाल पर खिंच जाएँ तो खून ही निकाल देती हैं

और रिश्तों पर खिंच जाएँ तो दीवार बना देती हैं..