मैं फिर से

मैं फिर से, ठीक तेरे जैसे की तलाश में हूँ….
गलती कर रहा हूँ…लेकिन होशो हवास में हूँ …!!!

बहुत अजीब हैं

बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की,
कोई किसी को टूट कर चाहता है,
और कोई किसी को चाह कर टूट
जाता है।

रिश्ता

?” रिश्ता “?
कई लोगों से होता है , मगर …
कोई प्यार से निभाता है तो …
कोई नफरत से निभाता है ..

दर्द

?” दर्द “?
सभी इंसानो मे है
मगर …
कोई दिखाता है तो …
कोई छुपाता है …..

नजर ख़राब है

मेरे हाथ में गंगाजल,तेरे हाथ में शराब है????
मैं हो गया अमावास तू माहताब है?
तेरी नजर उठी तो अदा-ए-हुस्न हो गयी??
उठी जो मेरी नजर तो नजर ख़राब है??