You Will Never Know Who Is Praying For U ….
And Who Is Playing With U ….!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
You Will Never Know Who Is Praying For U ….
And Who Is Playing With U ….!!
तेरी यादों का तकिया, लगाता हूँ जब भी सिरहाने,
उदासियां आ जाती है, तन्हाइयों की चद्दर उढाने..
यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो….
जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर ‘भीख’ मांगता है…!!
मुझमें खामियाँ लाख होंगी,
मगर एक खूबी भी है,
मै लोगों से रिश्ता मतलब के लिए नहीं रखता…
जब तक सत्य घर से बहार निकलता है ll
तब तक ज़ुठ आधी दुनिया घुम लेता है ll
जज़बात पर काबू , और वो भी मोहब्बत में…
तूफान से कहते हो , चुपचाप गुज़र जाये ।
छू के उनकी दीवार को , जब निकलती है सबा …..
।
घर से उनकी आवाज़ के , छींटें बिखर जातें हैं ……❗❗
हमसे खेलती रही दुनिया ताश के पत्तों की तरह
जो जीता उसने भी फेंका और जो हारा उसने भी फेंका…..
बस एक शख्स ऐसा हो , जो टूट कर वफ़ा करे
उठाए हाथ जब भी वो, मेरे लिए दुआ करे
अकेले बैठी मैं कहीं जो गुम ख्यालों में दिखूँ
तो आँखें मीच कर मेरी, वो पीछे से हँसा करे
मुझे बताए ग़लतियाँ, दिखाए भी वो रास्ता
वो बन के आइना, मुझे हर एक पल दिखा करे
मुझे खफा करे भी वो , मना भी ले दुलार से
जो खिलखिला के हंस पडूँ, तो एकटक तका करे.
मै खड़ा ही रहा.., पूछता पूछता…
उसने नज़रें झुकाई,जवाब हो गया ||
फलसफा ही पढ़ा था, सफा दर सफा,
उसने जो लिख दिया ,वो किताब हो गया ||
मैंने उम्र गुज़ारी ,उनके इंतजार में
वो मुस्कुरा जो दिए तो हिसाब हो गया ||
मै तरसता.. रहा… अपनी पहचान को ,
उसने नाम लिया , तो खिताब हो गया ||
दिल से मैंने, ये चाहा,भुलाऊँ उसे….
मेरा दिल ही.., मेरे ख़िलाफ़ हो गया ||