साँसों की पतंगें

कटी जाती है साँसों की पतंगें हवा तलवार होती जा रही है,

गले कुछ दोस्त आकर मिल रहे हैं छुरी पर धार होती जा रही है…!!!

सजदे करूँ

सजदे करूँ, सवाल करूँ, इल्तजा करूँ।
यूँ दे तो पूरी कायनात मेरे काम की नहीं।।