मैं मुसाफ़िर हूँ ख़तायें भी हुई होंगी मुझसे,
तुम तराज़ू में मग़र मेरे पाँव के छाले रखना..
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मैं आदर्शों पर
मैं आदर्शों पर चलने की बातें करता हूँ !
मेरा अक्सर लोगों से झगड़ा हो जाता है !!
चलो तुम रास्ते
चलो तुम रास्ते ख़ोजो बिछड़ने के,
हम माहौल पैदा करते है मिलने के !!
तलब नहीं कोई
तलब नहीं कोई हमारे लिए तड़पे ,
नफरत भी हो तो कहे आगे बढ़के.!!
जिसे शिद्दत से
जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है,
बस मुद्दतों से ही नहीं मिला कोई शिद्दत से चाहने वाला!
ज़िन्दगी के मायने
ज़िन्दगी के मायने तो याद तुमको रह जायेंगे ,
अपनी कामयाबी में कुछ कमी भी रहने दो..
पता नही होश मे
पता नही होश मे हूँ…..
या बेहोश हूँ मैं…..
पर बहूत सोच …….
समझकर खामोश हूँ मैं.
तुझे तो मिल गये
तुझे तो मिल गये जीवन मे कई नये साथी,
लेकिन…..
मुझे हर मोड़ पऱ तेरी कमी अब भी महसूस होती
है….!!
जो दिल की गिरफ्त में
जो दिल की गिरफ्त में हो जाता है,
मासूक के रहमों-करम पर हो जाता है,
किसी और की बात रास नहीं आती,
दिल कुछ ऐसा कम्बख्त हो जाता है,
मानता है बस दलीले उनकी,
ये कुछ यूँ बद हवास हो जाता है,
यार के दीदार में ऐसा मशगूल रहता है,
कि अपनी खैरियत भूल कर भी सो जाता है,
खुदा की नमाज भी भूल कर बैठा है,
कुछ इस कदर बद्सलूक हो जाता है,
जब दिल की गिरफ्त मे हो कोई,
जाने क्या से क्या हो जाता है…
तेरे सिवा किसी और को
तेरे सिवा किसी और को हम चाहते भी तो कैसे…
तेरे बाद भी हर किसी में ढूँढा भी तो बस तुझको…