कदर होती है

कदर होती है इंसान की जरुरत पड़ने पर ही. बिना जरुरत के तो हीरे भी तिजोरी में रहते है |

महसूस कर रहें हैं

महसूस कर रहें हैं तेरी लापरवाहियाँ कुछ दिनों से…
याद रखना अगर हम बदल गये तो,
मनाना तेरे बस की बात ना होगी !!