शाम ढलते ही

शाम ढलते ही दरीचे में मेरा चाँद आकर।
मेरे कमरे में अँधेरा नहीं होने देता।।

खुशियों का रंग

खुशियों का रंग दर्द की तस्वीर बदल दे
अब तो हमारे पाँव की ज़ंज़ीर बदल दे…
लिक्खा नही नसीब में तूने वो एक शख्स
मौला तू मेरे हाथ की तकदीर बदल दे