नीम के रस में

नीम के रस में मिला जब जहर तो मीठा हो गया
झूठ उसने इस कदर बोला कि सच्चा हो गया
इतना उजला था लिबासे लफ्ज उस तकरीर का
लोग थोडी देर को समझे कि सवेरा हो गया
आ गले लग जा मुबारक हो तुझे मेरे रकीब
कल तलक जो शख्स मेर था वो तेरा हो गया
इक चेहरा, इक बगीचा, इक नजर, इक सर्द आह
उस गली से फिर हमारा पाँव फेरा हो गया…..

जब सूरज भी

जब सूरज भी खो जायेगा , और चाँद कहीं सो जायेगा.
तुम भी घर देर से जाओगे , जब इश्क तुम्हे हो जायेगा..

यादों का किस्सा

मै यादों का किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.

मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.

अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से.
मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.

कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.

वो पल भर की नाराजगियाँ,
और मान भी जाना पलभर में,
अब खुद से भी रूठूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं……….

अपने हाथों से

किसी और की नीव पर बना मकान जाने कब गिर जाये, उसकी मजबूती का भरोसा तो तब होता है , जब बुनियाद में हर ईंट अपने हाथों से रखी हो..

मगरूर हो जाते

मगरूर हो जाते है,अक्सर, ज़माने में
वही लोग…!
जिन्हें मिलता है ज़्यादा उनकी “औकात”
से…!!

लगता है हमारी

लगता है हमारी हथेली में love line है ही नही.. बचपन में जलजीरा चाटते चाटते उसको भी साफ कर गये थे…