गुज़र गया आज का दिन भी

गुज़र गया आज का दिन भी
तमाम ख्वाहिशे लेकर..

साँसों ने शरीर का दामन ना छोड़ा
तो कल फिर मिलेंगे..
गुज़र गया आज का दिन भी
तमाम ख्वाहिशे लेकर..

साँसों ने शरीर का दामन ना छोड़ा
तो कल फिर मिलेंगे..

अभी सूरज नही डुबा जरा सी शाम होने दो

अभी सूरज नही डुबा जरा सी शाम होने दो
मैँ खुद लौट जाऊँगा मुझे नाकाम तो होने दो
मुझे बदनाम करने का बहाना ढुँढता है जमाना
मैँ खुद हो जाऊँगा बदनाम पहले नाम तो होने दो

मत सोच इतना

मत सोच इतना….

जिन्दगी के बारे में ,

जिसने जिन्दगी दी है…

उसने भी तो कुछ सोचा होगा…!!!