मयखाने से पूछा

मयखाने से पूछा आज,इतना सन्नाटा क्यों है,
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मयखाना भी मुस्कुरा के बोला,

लहू का दौर है, साहेब

अब शराब कौन पीता है…..!!……..

बचपन में जब

बचपन में जब चाहा हँस लेते थे,
जहाँ

चाहा रो सकते थे.
अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए,
अश्कों को तनहाई ..

जरूरी नहीं

आज का ज्ञान

अगर कोई दस बजे उठे…
तो जरूरी नहीं कि वो…
‘आलसी’ हो……….

हो सकता है उसके ‘सपने’ बड़े हों…!!